वर्तमान खरीफ सत्र में कई किसानों को सोयाबीन और अन्य खरीफ फसलों के बीज में खराबी की समस्या आ रही है, जो वर्षा की कमी या अधिकता के कारण हो सकती है। ऐसे स्थितियों में, किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को फसल बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकार होता है, जो उन्हें अनुदान की दर पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है जब उनकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य अनियामितताओं से प्रभावित होती है।
जानकारों ने बताया कि उन किसानों को, जिनकी खरीफ फसलों की बोवनी नुकसान पहुंची है, को फसल बीमा योजना के अनुसार 25 प्रतिशत राशि मिलनी चाहिए। इसका शर्त यह है कि उन किसानों के खाते बैंकों में कृषि ऋण का हो, और उनके द्वारा बीमा प्रीमियम भी जमा किया गया हो। उन किसानों को भी यह लाभ प्राप्त करने का हक है जिनके पास किसी कारणवश कृषि ऋण नहीं है, या वे ऋण के अदायगी में असमर्थ हैं।
यह भी जरुर पड़े – आखिर प्याज के बाजार में प्याज का माहौल कैसा है, क्या आने वाले समय में प्याज का भाव गिर जाएगा, यहां देखें पूरी रिपोर्ट
क्या है बिमा क्लेम की प्रक्रिया
इस योजना के अनुसार, एक बार बीमा राशि प्राप्त करने के बाद, वर्तमान खरीफ सत्र में शेष फसलों के बीमा से किसान को बाहर हो जाना पड़ता है। इसका मतलब है कि इसी सत्र में अगर कोई नुकसान होता है, तो उसे बीमा राशि का दावा नहीं कर सकता। कई किसानों की खरीफ फसल को बोनी, बीज की खराबी, दवाइयों के दुरुपयोग और वर्षा के प्रभावों से खासकर नुकसान होता है। इस प्रक्रिया में, ऐसे किसानों को बीमा कंपनी, कृषि विभाग, तहसीलदार और बैंक को आवेदन देकर अपनी बोनी बिगड़ने की सूचना देनी चाहिए। सरकार द्वारा गठित जिला स्तरीय तकनीकी समिति के माध्यम से किसान की कृषि भूमि का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए। ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा, फोटो, और अखबार की पेपर कटिंग भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की जा सकती है, ताकि वे अपने नुकसान का दावा कर सकें।
यह भी जरुर पड़े – आवक घटने के बाद जीरे में क्यों नहीं बन रही है तेजी, जाने क्या है इसकी वजह
इस योजना से कितने मिलेंगे रूपये
इस योजना के तहत, जिलों के लिए निर्धारित बैंक ऋणमान की 25 प्रतिशत राशि किसान को बीमा दावा के रूप में प्राप्त हो सकती है। खण्डवा जिले में सोयाबीन का ऋणमान प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये है, और यहाँ किसान को बोनी के नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपये का बीमा दावा मिल सकता है। इसी तरह, नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत हरदा, नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में सोयाबीन फसल का ऋणमान प्रति हेक्टेयर 37,500 रुपये है, और यहाँ के किसानों को प्रति हेक्टेयर 9,400 रुपये का बीमा दावा मिल सकता है