क्या इस समय सरसों बेचने का सही समय आ गया है, यहां क्लिक करके जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

क्या इस समय सरसों बेचने का सही समय आ गया है, यहां क्लिक करके जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट
क्या इस समय सरसों बेचने का सही समय आ गया है, यहां क्लिक करके जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसान साथियों, सरसों के बाजार में वर्तमान में एक सीमित रेंज में फंस गया है। यहां जयपुर में सरसों के भाव 6200 के ऊपर जाने में संघर्ष कर रहा है, हालांकि इसके पीछे फंडामेंटल्स मजबूत होने के बावजूद। एक मंडी भाव टुडे ने पहले ही बताया था कि जब तक जयपुर का बाजार 6200 के ऊपर के स्तर को नहीं छूएगा, तब तक सरसों के बाजार में अगली तेजी का रुझान नहीं होगा। इसलिए, यह समय है जब किसानों को सतर्क रहना चाहिए।

हालांकि, हमने देखा है कि पिछले हफ्ते विदेशी बाजारों में अच्छी खासी तेजी देखी गई है, लेकिन इसका असर अभी तक भारतीय बाजार में दिखाई नहीं दे रहा है। बाजार ने अभी तक निर्धारित रवैया अपनाया है। इसलिए, इस स्थिति में बाजार को तीखी नजर से देखना आवश्यक है।

आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार को विश्लेषण करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि बाजार उपर क्यों नहीं उठ पा रहा है। हम आगे चलकर देखेंगे कि कौन से ट्रिगर बाजार को उपर या नीचे खींच सकते हैं।

ताजा मार्केट की पूरी जानकारी 

दोपहर के समय जयपुर के बाजार में 42 कंडीशन सरसों का 6200 का भाव दिखाया गया था।लेकिन बाजार ने इस भाव को सिर्फ़ 1 घंटे तक ही में बरकरार रख सका। शाम को बाजार में कमजोरी आई और जयपुर का भाव अंत में 6125 रुपये पर बंद हुआ। वहीं, भरतपुर के बाजार में जयपुर के बाजार से बिल्कुल अलग चाल देखने को मिली। भरतपुर में सरसों का बाजार दिनभर में 5770 रुपये के आसपास चल रहा था, जो शाम को तेजी के साथ 5800 रुपये पर बंद हुआ। जैसा कि आप देख सकते हैं, जयपुर में शाम को कमजोरी आई जबकि भरतपुर में शाम को तेजी देखने को मिली। बाजार में किसी एक दिशा में तेजी या मंदी का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं नजर आया। दिल्ली के बाजार में, लॉरेंस रोड पर सरसों का रेट 6050 रुपये के आसपास चल रहा है। चरखी दादरी में भी लगभग वही रेंज बनी हुई है। नजफगढ़ मंडी में सरसों का बोली भाव 5900 तक रहा।

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प्लांटों पर कैसे रहा बाजार

बाजार में तेल मिलों के खरीदारों को ब्रांडेड तेल की खरीद पर कंफ्यूजन महसूस हो रही है। सुबह के समय, सलोनी प्लांट ने भाव को कमजोर करके 6550 रुपए तक ले जाया, लेकिन शाम को भाव में फिर से वृद्धि करके 6625 रुपए कर दिया। इससे मिलाकर, खरीदारों को 50 रुपए की तेजी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कहा जा रहा है कि प्लांट को अच्छी क्वालिटी की सरसों की कमी की वजह से भाव बढ़ाए गए हैं। अगर हम दूसरे प्लांटों की बात करें, तो आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव में 50 रुपए तक की कमजोरी आई है। अंतिम भाव 6450 रुपए रहे हैं। अदानी प्लांट में, बूंदी और अलवर प्लांट पर सरसों की खरीद 6100 रुपए के हिसाब से हुई है और यहां पर 75 रुपए की कमजोरी देखने को मिली है। गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव 5950 रुपए के स्तर पर स्थिर रहे हैं। इससे पता चलता है कि इस बाजार में भी तेजी या मंदी का कोई रुझान नहीं है।

विदेशी बाजारों की अपडेट

विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों की तेजी मंदी के लिए गुरुवार को कोई खास रुझान नहीं देखा गया। मलेशिया में पाम तेल के भाव में दिनभर गिरावट रही है, लेकिन शाम को थोड़ी सुधार हुआ। विदेशी एजेंसियों की रिपोर्टों पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता है, ऐसा लगता है कि इसमें खेल का हिस्सा है। उत्पादन अनुमानों में दिन के बाद कमी आ रही है। विदेशी बाजारों में मिला-जुला रुख देखा जा रहा है, मलेशिया में नरमी रही है जबकि चीन के बाजारों में तेजी दिख रही है। अमेरिका के बाजार छुट्टी के कारण बंद हैं। मलेशिया में सितंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में कमजोरी आई है, भाव 4,052 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ। चीन के डालियान बाजार में सोया तेल में 0.50% की गिरावट हुई है, जबकि पाम तेल में 0.05% की मामूली बढ़ोतरी हुई है।

तेल और खल के रेट

जयपुर में सरसों तेल की कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई है। कच्ची घानी सरसों तेल का भाव 5 रुपये कमजोर होकर दाम 1,177 रुपये प्रति 10 किलो रह गया है, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल का भाव भी 5 रुपये कमजोर होकर 1,167 रुपये प्रति 10 किलो रह गया है। जयपुर में सरसों खल की कीमत 2,705 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही है।

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सरसों की आवक

बुधवार को 4 लाख की आवक के बाद आवक फिर से डाउन हो गई है। गुरुवार को सरसों की दैनिक आवक घटकर 3.50 लाख बोरियों की ही हुई। कुल आवकों में से राजस्थान की मंडियों में सरसों की 2.15 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, पंजाब और हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी और अन्य राज्यों की मंडियों में 45 हजार बोरियों की आवक हुई।

क्या और तेज होगी सरसों

आपके प्रश्न में सरसों की आवक और बाजार में उपलब्ध बोरी की बढ़त के बारे में बताया गया है। सरसों की आवक और उनके भाव का निर्धारण उनकी आवक और विदेशी बाजारों की तेजी से नहीं किया जा सकता है। बाजार में उपलब्ध बोरी की बढ़त के कारण भाव नीचे चले गए हैं। जबकि प्लांट में तेजी उस वजह से दिख रही है क्योंकि बाजार में अच्छी क्वालिटी की सरसों उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, बढ़िया सरसों को खरीदने के लिए प्लांट भाव बढ़ा रहे हैं। जिससे सरसों की जड़ में मजबूती दिख रही है। अगले समय में सरसों के भाव का निर्धारण उनकी आवक और उपलब्ध बोरी के आधार पर होगा। आपको व्यापार अपने विवेक से करना चाहिए।

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