किसान साथियो सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए इस समय की स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण बन चुकी है। पिछले कुछ महीनों में सोयाबीन के भाव में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों ही परेशान हैं। किसानों को इस बात की उम्मीद थी कि दीपावली के बाद सोयाबीन के भाव में वृद्धि होगी, लेकिन इसके विपरीत, सोयाबीन के भाव में लगातार कमी आ रही है। इस गिरावट ने किसानों के साथ-साथ सोयाबीन व्यापारियों को भी करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
क्यों गिर रहे है सोयाबीन के भाव
किसानों के लिए एक और बड़ी समस्या यह है कि वे अपने उत्पाद को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी नहीं बेच पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि सोयाबीन की खरीदारी के नियम बहुत कठोर और जटिल हैं, जिनके कारण किसान इस मूल्य पर अपना माल नहीं बेच पा रहे हैं। MSP पर खरीदने के लिए कृषि विभाग द्वारा तय किए गए मानदंडों को पूरा करना बेहद कठिन हो जाता है। इसके कारण, किसानों को अधिक कीमतों पर अपना माल बेचने का अवसर नहीं मिल पा रहा है और वे मजबूरन कम दामों पर अपने उत्पाद बेचने को विवश हो रहे हैं।
दीपावली के बाद सोयाबीन के भाव में वृद्धि होने की उम्मीद थी, लेकिन इसके बजाय, सोयाबीन के भाव में लगातार गिरावट आई है। दीपावली के बाद से लेकर अब तक, सोयाबीन की कीमतों में जो गिरावट आई है, वह किसानों और व्यापारियों के लिए एक बड़ा झटका है। व्यापारियों का कहना है कि उज्जैन मंडी में पिछले 15 दिनों के भीतर सोयाबीन के भाव में गिरावट देखने को मिली है, और अब व्यापारियों को लगभग 4 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। यह स्थिति काफी चिंता का कारण बन चुकी है, क्योंकि व्यापारियों को अब यह समझ में नहीं आ रहा कि आगे सोयाबीन के भाव में क्या होगा।
मंडी में घटते हुए दाम
किसान बताते हैं कि उन्होंने 4 नवंबर से लेकर 7 दिसंबर तक, यानी लगभग एक महीने के अंदर, उज्जैन मंडी में लगभग 2,45,000 क्विंटल सोयाबीन नीलामी में बेचा। सीजन की शुरुआत में, किसानों को उम्मीद थी कि इस बार समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिल सकती है, लेकिन अब यह संभावना समाप्त हो चुकी है। इस समय, उज्जैन मंडी में सोयाबीन की कीमत 4150 से लेकर 5150 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जो कि किसानों के लिए कोई बड़ी राहत नहीं है।
इसके अलावा, वर्तमान समय में सोयाबीन के भाव में दिसंबर माह में कोई बढ़ोतरी की संभावना नहीं दिख रही है। यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है क्योंकि किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर चुका है। आगे सोयाबीन की मंडियों के भाव की बात करे तो कुछ इस प्रकार रहे वेरावल मंडी में सोयाबीन भाव ₹ 3800/4105 आवक 1000 बोरी, बार्शी मंडी में ₹ 3500/4250 आवक 7000 बोरी, वाशिम मंडी में ₹ 4000/4200 आवक 4000 बोरी, दर्यापुर मंडी में ₹3500/4300 आवक 4000 बोरी, जालना मंडी में ₹ 4050/4100, खामगाव मंडी में ₹3000/4300 आवक 7000 बोरी, विदिशा मंडी में ₹3500/4250 आवक 2000 बोरी, गदरवाड़ा मंडी में ₹ 3600/4000 आवक 400 बोरी, नीमच मंडी में ₹ 4200/4225 आवक 3500 बोरी, खातेगांव मंडी में ₹ 3400/3900 आवक 1000 बोरी, देवास मंडी में * 3800/4300 आवक 6000 बोरी, सागर मंडी में ₹ 3600/4200 आवक 4000 बोरी, अशोकनगर मंडी में ₹3900/4200 आवक 3000 बोरी, मंदसौर मंडी में ₹ 3900/4250 आवक 2000 बोरी, और गंज बासोड़ा मंडी में ₹4100/4250 आवक 1500 बोरी रही।
सोयाबीन के प्लांट की खरीदी दरों में गिरावट
सोयाबीन के व्यापारियों के अनुसार, सोयाबीन के प्लांट के खरीदी भाव में भी भारी गिरावट आई है। वर्तमान में, सोयाबीन के प्लांट के खरीदी भाव गिरकर 4260 से 4280 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गए हैं, जबकि नीमच लाइन में यह भाव 4300 रुपये प्रति क्विंटल है। मंडी में अधिकतम सोयाबीन 3800 से 4245 रुपये के बीच बिक रहा है, और ग्रेडिंग बी वाला सोयाबीन 55111 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। आज के भाव की बात करे तो आज सोयाबीन कीर्ति प्लांट में सोलापुर ₹4440 मंदी 30, लातूर ₹ 4440 मंदी 30, नांदेड़ ₹4440 मंदी 30, हिंगोली ₹ 4440 मंदी 30 के साथ खुला है। इस गिरावट के चलते, व्यापारी भी भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इस समय कोई भी ठोस अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि सोयाबीन के भाव में आगे क्या बदलाव होगा।
क्या कहना है सोयाबीन के विशेषज्ञों का
सोयाबीन के कारोबारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय सोयाबीन के भाव में किसी भी प्रकार की वृद्धि की संभावना कम ही दिखाई दे रही है। अधिकांश व्यापारी और किसान इस बात को लेकर संशय में हैं कि अगले कुछ महीनों में सोयाबीन के भाव में कोई सुधार होगा या नहीं। विशेष रूप से दिसंबर और जनवरी के महीने में सोयाबीन के भाव बढ़ने की कोई संभावना नहीं बताई जा रही है।
व्यापारियों का कहना है कि यह स्थिति डीसी निर्यात पर निर्भर करती है, क्योंकि यदि निर्यात में वृद्धि होती है, तो इसके प्रभाव से सोयाबीन के भाव में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहा है। सोयाबीन के कारोबारी इस समय भावों में गिरावट को लेकर बहुत अधिक चिंतित हैं। वे यह मानते हैं कि जब तक कोई स्थिरता नहीं आएगी, तब तक उनका कारोबार भी प्रभावित रहेगा। वर्तमान में, बाजार में सोयाबीन के भाव में निरंतर गिरावट का दौर जारी है, और यह व्यापारी वर्ग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अब तक के गिरते हुए भावों को देखते हुए, व्यापारियों को डर है कि यदि आगे भी भाव इसी तरह घटते रहे, तो उनका नुकसान और भी बढ़ सकता है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे