प्याज के बाजार में आज क्या रही तेजी मंदी | जाने मंडियो से क्या मिल रही है रिपोर्ट

What is the boom and recession in the onion market today?
What is the boom and recession in the onion market today?

नमस्कार प्यारे किसान साथियों, “मंडी भाव टुडे” प्लेटफार्म में आपका स्वागत है। आज दिनांक 1 अक्टूबर 2024, मंगलवार का दिन है, और हम आपके लिए प्याज के ताज़ा बाजार भाव की जानकारी लेकर आए हैं। आज का बाजार कैसे चल रहा है, क्या भाव बने हैं, और बाजार में क्या उठाव है इन सभी पहलुओं पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, आज की प्याज की आवक और बाजार में चल रहे माहौल की पूरी जानकारी देंगे।

दोस्तों सबसे पहले बात करें खरीद और बिकवाली की, तो आज की स्थिति अच्छी नजर आ रही है। कल 2 अक्टूबर की छुट्टी के कारण डबल मंडी का माहौल है, जिससे आज बाजार में अच्छी बिकवाली की उम्मीद है। इसके अलावा, कल से नवरात्रों की शुरुआत हो रही है, जिसका सीधा असर बाजार पर दिखाई देगा। नवरात्रों के दौरान बिकवाली में कमी आ सकती है, लेकिन उससे पहले आज अच्छी बिकवाली होने की पूरी संभावना है।

क्योंकि छुट्टी के पहले की खरीदारी हमेशा ज्यादा होती है। आज मंगलवार के दिन के साथ नए महीने की शुरुआत भी है, यानी अक्टूबर का महीना। सर्दियों का मौसम शुरू हो रहा है, और यह समय प्याज की मांग को प्रभावित करता है। आइए, अब हम आपको आज की प्याज की आवक की स्थिति के बारे में बताते है

आज की प्याज आवक

कल मंडी में 36 गाड़ियां आई थीं, और आज 38 गाड़ियां फ्रेश मंडी में पहुंची हैं। इसके साथ ही, मंडी में कल की 26 गाड़ियां खड़ी हैं, जो स्टैंडिंग माल में शामिल हैं। इस प्रकार, कुल मिलाकर आज मंडी में 64 गाड़ियां प्याज की हैं (कल और आज की)। इसके अतिरिक्त, फड़ो पर 45 गाड़ियां प्याज का माल उतर चुका है।

इस प्रकार, आज की तारीख में मंडी के भीतर कुल 109 गाड़ियां प्याज का माल उपलब्ध है। इन गाड़ियों की स्थिति और कहां से यह माल आया है, इसकी डिटेल्स इस प्रकार है:

  • राजस्थान से 16 गाड़ियां
  • मध्य प्रदेश (MP) से 7 गाड़ियां (हालांकि पिछले हफ्ते की तुलना में यह कम है)
    नासिक और नेफेड से 11 गाड़ियां (जिसमें से 7 गाड़ियां व्यापारी की हैं और बाकी नेफेड की)
  • पुणे से 4 गाड़ियां
  • नई फसल की 3 गाड़ियां
  • एनसीसीएफ से 11 गाड़ियां
  • गुजरात से 1 गाड़ी

इस प्रकार, आज मंडी में कुल 109 गाड़ियां प्याज की आवक दर्ज की गई है, और यह स्थिति दिन के अंत तक बदल भी सकती है।

बेंगलुरु, हैदराबाद, सोलापुर, हुबली, हसन और बेलगांव जैसे क्षेत्रों में प्याज की आवक सामान्य रूप से बहुत अच्छी है।
बेंगलुरु में आज लगभग 1.5 लाख कट्टे प्याज की उपलब्धता है, शोलापुर में 300 गाड़ियां और हैदराबाद में 30,000 से 35,000 कट्टे प्याज की आमदनी है

अलवर से माल की आवक दशहरे के आसपास होने की संभावना है, लेकिन बरसातों के कारण यह 15-20 दिन लेट हो सकता है। नवंबर के 10 से 15 तारीख के बाद कुछ अधिकता
देखने को मिल सकती है

कुल मिलाकर, दक्षिण भारत में लगभग 600 से 700 गाड़ियां प्याज लेकर आई हैं।

आजादपुर मंडी से प्याज के भाव

प्याज के बाजार भाव की बात करें तो वर्तमान में प्याज के भाव औसतन 45 से 47 रुपये प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं। इस अवधि में, लगभग 150 से 200 कट्टे प्याज बेचे हैं, जिनकी कीमत 1800 से 1900 रुपये प्रति क्विटल के बीच है। इस समय, मंडी में सबसे बेहतरीन प्याज केवल पुणे से आ रही है। नासिक से भी कुछ अच्छी क्वालिटी की प्याज उपलब्ध है, लेकिन अन्य स्थानों जैसे मध्य प्रदेश, नेफेड, एनसीसीएफ और राजस्थान से आने वाले माल में क्वालिटी की कमी देखने को मिलती है। हालिया बारिशों के चलते प्याज की क्वालिटी कुछ हल्की हो गई है। अच्छी क्वालिटी के प्याज की मात्रा गाड़ी में 150 से 200 कट्टे के बीच होती है. जो 1700 से 1850 रुपये प्रति क्विंटल में बिकती है। अगर ओवरआल क्वालिटी का विश्लेषण करे तो इस वक़्त मंडी में

हल्की कालिटी: 15 से 20% प्याज हल्की क्वालिटी की है।
अच्छी कालिटी: 75 से 80% प्याज की क्वालिटी बहुत अच्छी है।

कर्नाटक की आवक और भाव

कर्नाटक से आने वाली प्याज की आवक की बात करें, तो हाल ही में जो गाड़ियां आई हैं, उनके भाव 1500 से 1850 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं।

गाड़ी की मात्रा : 25 से 30 टन की गाड़ी में 550 से 600 कट्टा प्याज होता है। 25 टन की गाड़ी में 450 से 500 कट्टा होता है

प्याज के कुछ कट्टे ऐसे होते हैं जिनमें दागी की शिकायत होती है, जो 2.5 से 3 किलो की मात्रा में होते हैं। ऐसे प्याज का भाव 1500 से 1600 रुपये प्रति (मन 40 किलो) के बीच होता है. लेकिन बाजार में इनकी बिक्री में मुश्किलें आती हैं।

    पुणे:

    1. बढ़िया क्वालिटी: 1850 से 1900 रुपये प्रति (मन 40 किलो)
    2. औसत कालिटी: 1750 से 1800 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    मध्य प्रदेश:

    सुपर क्वालिटी: 1650 से 1700 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    मीडियम क्वालिटी: 1550 से 1600 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    एवरेज और हल्की क्वालिटी: 1450 से 1500 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    हल्का माल: 1400 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    नासिकः

    अच्छी क्वालिटी: 1800 रुपये प्रति (मन 40 किलो)
    औसत क्वालिटी: 1600 से 1650 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    राजस्थान:

    अजमेर: अच्छी क्वालिटी: 1650 से 1700 रुपये प्रति (मन 40 किलो)
    कुचामनः अच्छी क्वालिटी: 1700 से 1750 रुपये प्रति (मन 40 किलो) और

    हल्की क्वालिटी: 1450 से 1500 रुपये प्रति (मन 40 किलो)
    मथानियाः अच्छी क्वालिटी: 1650 से 1600 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    रानीखेत (नए माल की आवक):

    बढ़िया क्वालिटी: 1800 से 1900 रुपये प्रति (मन 40 किलो)
    गोल्डी माल: 1500 से 1650 रुपये प्रति (मन 40 किलो)
    दागी माल: कोई स्थिर रेट नहीं 1500 से 1550 रुपये प्रति (मन 40 किलो)

    पिछले कुछ समय में अफगानिस्तान से भी प्याज की आवक कम हो गई है। वहाँ से आने वाला माल 40 से 42 रुपये में बिक रहा है, जबकि पाकिस्तान में इसे 47-48 रुपये मिल रहे हैं।

    नेफेड और एनसीसीएफ

    NCCF और NEFED के माल की स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन यदि उनके पास पर्याप्त स्टॉक है, तो वे बाजार में माल की आपूर्ति बढ़ा सकते हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि आम आदमी को प्याज मिलती रहे। पुराने माल की कमी के चलते, सरकारी रणनीति महत्वपूर्ण है।

    नेफेड और एनसीसीएफ की ओर से लगातार माल मंडी में आ रहा है। इनकी उपस्थिति से कालिटी और भाव में फर्क पड़ता है। आमतौर पर, अच्छी क्वालिटी का प्याज 1600 से 1650 रुपये प्रति (मन 40 किलो) बिकता है, जबकि हल्की क्वालिटी का प्याज 1400 से 1550 रुपये के बीच आता है। जबकि मंडी आडतियो के पास प्याज की अच्छी कालिटी: 1600 से 1750 रुपये प्रति (मन 40 किलो) और हल्की कालिटी: 1300 से 1450 रुपये प्रति (मन 40 किलो) में बिक रही है

    बाजार में एक किलो प्याज का भाव और उसके साथ 50 किलो और 40 किलो के भाव के बीच असंगति से ग्राहक भ्रमित हो जाते हैं। हालांकि, जो ग्राहक उच्च गुणवत्ता की प्याज का चयन करते हैं, वे हमेशा बेहतर विकल्प को प्राथमिकता देते हैं।

    क्वालिटी की समस्याः

    वर्तमान में मंडी में उपलब्ध प्याज की क्वालिटी का यदि आंकलन किया जाए, तो 80 से 85% प्याज की कालिटी हल्की नजर आ रही है। इसका मतलब है कि अधिकतर प्याज का माल उच्च गुणवत्ता वाला नहीं है, माल पानी में भिगा हुआ है, जिसके कारण दागी प्याज की शिकायतें बढ़ रही हैं। गीले माल को लोड करने से, जब यह प्याज यहां पहुंचता है, तो इसमें से आधा किलो से 6 किलो तक दागी प्याज निकल सकती है, जिससे बिक्री में समस्या होती है। हालांकि, लगभग 10 से 15% प्याज की कालिटी बेहतर दर्ज की गई है। इस बेहतर क्वालिटी में मुख्य रूप से पुणे की क्वालिटी सबसे बढ़िया मानी जा रही है।

    नई प्याज की आमदनी बढ़ने की संभावना कम है। यदि बारिशें जारी रहती हैं और क्वालिटी में सुधार नहीं होता है, तो पुराने माल की बिक्री जारी रहेगी।

    पुणे की क्वालिटी

    मंडी में पुणे से आने वाली प्याज की क्वालिटी सबसे बेहतर है। कुल मिलाकर 15 से 20% प्याज की कालिटी पुणे से अच्छी आ रही है। इसके कारण पुणे के प्याज का बाजार में मूल्य भी अच्छा मिल रहा है।

    मध्य प्रदेश (MP) की क्वालिटी

    मध्य प्रदेश से आने वाली प्याज की क्वालिटी के बारे में बात करें, तो 2 से 5% प्याज की कालिटी अच्छी होती है। हालांकि, ज्यादातर माल की क्वालिटी हल्की है। एमपी का माल औसत स्तर का है और इसका बाजार में मांग और भाव अपेक्षाकृत कम है।

    नासिक की क्वालिटी

    नासिक से नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से आने वाले प्याज की बात करें तो 10 से 15% प्याज की कालिटी अच्छी दर्ज की गई है। लेकिन यहां भी अधिकतर माल 90% हल्की कालिटी का है. जिसका सीधा असर इसकी मांग और भाव पर पड़ रहा है।

    राजस्थान की क्वालिटी

    राजस्थान से आने वाले प्याज की क्वालिटी बारिश के बाद से थोड़ी कमजोर हो गई है। खासकर अजमेर से आने वाले माल की बात करें, तो इसकी क्वालिटी अच्छी है, लेकिन यह माल भी मंडी में औसत दामों पर बिक रहा है। इसके अलावा अन्य राजस्थान के क्षेत्रों से आने वाले माल की क्वालिटी में गिरावट दर्ज की जा रही है. जो बारिश के बाद से प्याज के रंग के फीके होने का परिणाम है।

    कालिटी का सीधा असर मंडी में भाव और बिकवाली पर पड़ता है। उच्च कालिटी के प्याज को बेहतर भाव मिलता है, जबकि हल्की कालिटी का प्याज कम दामों में बिकता है। आज की मंडी में, जहां अधिकतर प्याज की क्वालिटी हल्की है. वहां बाजार का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

    जैसे-जैसे नवरात्रों का समय नजदीक आ रहा है, मंडियों में प्याज की आवक कम होने की संभावना है। इस समय लोगों के बीच प्याज का सेवन कम होता है, जिससे मांग में भी कमी आती है। इससे यह संभव है कि आवक भी सीमित रहे और प्याज के दाम स्थिर या नीचे रह सकते हैं।

    क्वालिटी की वजह से भाव में असमानता दिखाई देती है। हल्की क्वालिटी के प्याज का भाव कभी भी अधिक नहीं बढ़ता है, जिससे व्यापारी और किसान चिंतित हैं। खासकर मध्य प्रदेश के किसान इस स्थिति को लेकर घबराए हुए हैं, क्योंकि अगर वे प्याज को दिल्ली भेजते हैं, तो उन्हें कम मूल्य पर बेचना पड़ सकता है।

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