Top 3 Millets Varieties : श्री अन्न यानी मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें आती हैं जिसमें बाजरा प्रमुख फसल है। वही बाजरा की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में होती है लेकिन बाजरा उत्पादन के मामले में राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश अव्वल हैं। इन राज्यों के किसान इसका उत्पादन करके बेहतर मुनाफा कमाते हैं। इसके अलावा, बाजरा एक ऐसी फसल है।
जिसकी खेती सीमित वर्षा वाले क्षेत्रों तथा बहुत कम उर्वरकों की मात्रा के साथ करके अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि, अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि किसान सही बीजों का चयन करें।
कृषि विभाग ने किसानों से कहा कि सोयाबीन की जगह इस फसल की करो खेती, मात्र 70 दिनों में पकेगी
सीधे शब्दों में कहें तो बीज शुद्ध होने चाहिए और उनका अंकुरण प्रतिशत मानक स्तर का होना चाहिए। अगर आप इस सीजन में बाजरे की खेती Top 3 Millets Varieties करने की सोच रहे हैं तो हम आपके लिए लेकर आए है बाजरे की टॉप 3 उन्नत किस्मों (Top 3 Millets Varieties) की जानकारी अवश्य देखें।
बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलेगी बंपर पैदावार
बाजरे की खेती भारतीय कृषि उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है और इसकी पैदावार को बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों और उन्नत बीजों का उपयोग करना आवश्यक है। बाजरे के लिए कुछ विशेषज्ञ किस्में हैं जो अधिक उत्पादन और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद करती हैं। यहां हम आपको बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं:
- हीम सनोरा: यह बाजरे की प्रमुख किस्मों में से एक है और इसे उच्च उत्पादन और प्रदर्शन के लिए विख्यात है। हीम सनोरा के बीजों का इस्तेमाल करने से बाजरे की पैदावार में वृद्धि होती है और इसका उच्च गुणवत्ता भी सुनिश्चित होता है।
- काला बाजरा: यह बाजरे की एक और प्रमुख किस्म है जिसे खासकर अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है। काला बाजरा के बीजों का उपयोग करके बाजरे की पैदावार में वृद्धि होती है और इसका गुणवत्ता भी बेहतर होता है। इसका उपयोग धान को उच्च गुणवत्ता और मजबूती प्रदान करने के लिए भी किया जाता है।
- ज्वार बाजरा: बाजरे की तीसरी बेहतरीन किस्म है जो उच्च पैदावार और सजीवता के लिए जानी जाती है। ज्वार बाजरा बीजों का उपयोग करने से बाजरे की पैदावार में वृद्धि होती है और इसका आकर्षक रंग और स्वाद भी इसे लोकप्रिय बनाते हैं।
इन टॉप 3 किस्मों के उपयोग से बाजरे की बंपर पैदावार को सुनिश्चित किया जा सकता है। यह विकासशील बीज तकनीक बाजरे के उत्पादन को एक नया स्तर पर ले जा सकती है और कृषि उद्योग को सुदृढ़ कर सकती है।