मध्य प्रदेश में इस समय हो रही बारिश से सोयाबीन की फसल (Soybean Crop Damage) को खासा नुकसान हो रहा है..
Soybean Crop Damage | सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में मध्य प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश का दौर चल रहा है। प्रदेश में सबसे अधिक सोयाबीन की खेती होती है।
इस समय सोयाबीन की फसल पककर तैयार हो चुकी है, प्रदेश के लगभग सभी जिलों में सोयाबीन की कटाई हो रही है।
खेतों में पककर तैयार हो चुकी एवं कटाई के दौरान खेतों में पड़ी सोयाबीन को लगातार बारिश के कारण खराब होने का दर बढ़ गया है। सोयाबीन के दानों में काला दाग लगने की आशंका बढ़ गई।
अन्य फसलों जैसे मक्का, कपास पर भी संकट है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदेश में लगातार बारिश से फसलों को लगभग 20% का नुकसान हो चुका है।
प्रदेश के किन जिलों में सोयाबीन की फसल Soybean Crop Damage को अधिक नुकसान हुआ है, आइए जानते हैं..
बारिश के कारण परेशान हो रहे किसान
Soybean Crop Damage | मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से बारिश का क्रम बना हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हो रही है। इस बारिश के कारण देश के सबसे बड़े सोयाबीन बेल्ट मालवा-निमाड़ में सोयाबीन की फसल खतरे में है।
सोयाबीन की फसल इन दिनों या तो खेतों में खड़ी है या कटने के बाद खलिहान में है। कई जगह तो खेतों में ही सूखने के लिए सोयाबीन की ढेरियां रखी हुई हैं। ऐसे में इन दिनों हो रही बारिश से किसानों परेशान हैं।
सोयाबीन के दाने काले पढ़ने की आशंका
Soybean Crop Damage | किसानों का दावा है कि रुक-रुककर हो रही बारिश से फसल को करीब 20 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। फसल अभी खेत में खड़ी है, उसके दानों में काला दाग लगने की आशंका भी है।
खंडवा जिले में दो लाख हेक्टेयर सोयाबीन में कुछ किस्म में पहले ही अफलन की स्थिति थी। अब जैसे-तैसे उगी फसल पर भी बारिश से संकट है।
20 से 30 प्रतिशत उत्पादन प्रभावित हुआ है। देवास जिले में लगभग 3.45 लाख हेक्टेयर सोयाबीन रकबा है। यहां कीट व्याधि, अफलन की स्थिति के बाद मानसून ने स्थिति और बिगाड़ दी है। : Soybean Crop Damage
सोयाबीन की इन वैरियटयों में हुआ अधिक नुकसान
किसानों के अनुसार सोयाबीन की जल्दी पकने वाली वैरायटी में अधिक नुकसान हुआ है। कम अवधि वाली सोयाबीन की किस्मों में काफी नुकसान की आशंका है।
इन जिलों में हुई फसलें सबसे अधिक खराब
Soybean Crop Damage | उज्जैन जिले में पिछले दो दिन से लगातार तेज पानी गिर रहा है। जिसके चलते खेतों में खड़ी फसल एवं कटकर खेतों में पड़ी फसल खराब होने की कगार पर पहुंच गई है।
यही स्थिति शाजापुर की भी बताई जा रही है। इसके अलावा धार, इंदौर, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा जिलों में भी लगातार पानी के कारण सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है।
शाजापुर जिले में दो दिनों से हुई बारिश के कारण कटाई बंद है। कही-कहीं तो खेतों में कटी रखी फसल बह गई है।
किसानों ने बताया कि सोयाबीन काली पड़ने लगी है। 20 से 25 फीसदी उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। झाबुआ जिले में पककर तैयार फसलों को नुकसान की आशंका है, वहीं रतलाम जिले में तेज बारिश से खेतों में काटकर रखी सोयाबीन बह रही है। : Soybean Crop Damage
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पकी सोयाबीन पानी लगने से दागी हो जाती है और बेचने पर इसके भाव निम्न स्तर के मिलते हैं। निमाड़ अंचल में मक्का, कपास, मिर्च पर भी संकट छाया हुआ है।
खरगोन जिले में सोयाबीन का रकबा 85 हजार हेक्टेयर है। तेज बारिश और खेतों में पानी जमाव के कारण सोयाबीन पांच प्रतिशत और मक्का, कपास व मिर्च सात प्रतिशत खराब हुई है। : Soybean Crop Damage
धार जिले में तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है। राजगढ़ क्षेत्र के दंतोली ग्राम में 50 प्रतिशत फसल पर दाग लग गया है।
जिले में औसतन 15-20 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। मंदसौर जिले में फसल कटाई का दौर चल रहा है। दो दिनों से जिले में बारिश से खड़ी फसल संकट में है। : Soybean Crop Damage
जावरा के कई क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल खराब हुई
जावरा जिले के कई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से जहां सोयाबीन कटाई का काम रुक गया है, वहीं खेत खलिहानों में खड़ी एवं कटी पड़ी फसल भी अब खराब होने लगी है।
किसानों का कहना है कटी पड़ी फसल का दाना अंकुरित तक होने लगा है, ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ रही है। किसानों का कहना है कि प्रशासन को सोयाबीन फसल का सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा देने के साथ ही बीमा राशि भी दिलवाना चाहिए।