Soyabin Ka Bhav : सोयाबीन के भाव को लेकर किसानों ने किया आंदोलन, क्या सोयाबीन पहुंचेगी 6000 के पास, जाने पूरी रिपोर्ट
Soyabin Ka Bhav : किसान साथियों, मध्य प्रदेश के किसान 1 सितंबर से बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। यह आंदोलन सोयाबीन की फसल का उचित मूल्य न मिलने की चुनौती में किया जा रहा है। राज्य में सोयाबीन का मूल्य पिछले 10 सालों में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है। यह मौजूदा स्थिति किसानों के लिए बेहद चिंताजनक है, क्योंकि आज भी सोयाबीन का मूल्य एक दशक पहले के बराबर है। इस वजह से किसानों में काफी आक्रोश है।
सोयाबीन के मूल्य को लेकर किसान भड़के हुए हैं
मध्य प्रदेश के किसान पिछले काफी समय से सोयाबीन के गिरते मूल्य को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। किसान लगातार सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं और सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। लगातार हो रही बदहाली से परेशान किसान अब एकजुट होकर बड़े आंदोलन की योजना बना रहे हैं।
एकीकृत किसान मोर्चा के अध्यक्ष राहुल राज के अनुसार पिछले कुछ समय से भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश के किसानों को सोयाबीन की फसल में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद किसानों ने देश को तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोयाबीन की खेती जारी रखी है। लेकिन खाद्य तेल से जुड़ी सरकार की नीतियां किसानों की सोच से मेल नहीं खाती। किसान अपनी फसल को बाजार में ले जाते हैं, लेकिन सरकार फसल को रोककर आयात खोल देती है, जिससे कीमतें गिर जाती हैं। किसानों का मानना है कि सरकार की ये नीतियां बड़े कॉरपोरेट घरानों की वास्तविक चिंता का विषय हैं और किसानों को नुकसान पहुंचा रही हैं
किसानों को चाहिए 6000 रुपए का भुगतान
राज्य में सोयाबीन की खेती करने वाले किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। सोयाबीन की कीमतें लगातार गिरकर करीब 1500 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। किसान अपनी उपज 2013-14 के बराबर दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से सोयाबीन के दामों में लगातार कमी आ रही है और लगातार बुआई सीजन से पहले दामों में गिरावट आ जाती है। इस वर्ष दाम गिरकर 3500 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं, जो उत्पादन लागत से भी कम है।
इस समय सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन बढ़ती फसल के कारण खाद, बीज, कीटनाशक आदि के दामों में भी भारी बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में किसानों के लिए इस समर्थन मूल्य पर भी उत्पादन लागत निकालना मुश्किल हो गया है। किसानों की मांग है कि राज्य सरकार 1108 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त प्रोत्साहन देकर सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 6000 रुपए प्रति क्विंटल करे। इससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकेगा और वे अपनी लागत को पूरा करने में सक्षम होंगे।
किसान इसकी तैयारी कर रहे हैं
मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों का आंदोलन एक नए मोड़ पर आ गया है। सोयाबीन के कम दामों से नाराज किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आंदोलन के शुरुआती दौर में किसानों ने सितंबर के पहले सप्ताह में प्रदेश के करीब 5000 गांवों में ग्राम पंचायत सचिवों को मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन देने का फैसला किया है। इस ज्ञापन के जरिए किसान सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं।
यह आंदोलन मध्य प्रदेश के सभी किसान संगठनों और सोयाबीन उत्पादक संघ के मिलकर काम करने का नतीजा है। किसानों का मानना है कि इस तरह के व्यापक आंदोलन से सरकार उनकी चिंताओं पर ध्यान देगी और सोयाबीन के दाम बढ़ेंगे। अन्य शहरों के किसानों को भी नोटिस देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि विकास को और मजबूत किया जा सके