प्याज की खेती से किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं चलिए आपको इस लेख में हम बताते हैं प्याज की खेती करने का आसान तरीका-
प्याज की खेती में मुनाफा
प्याज की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। प्याज की डिमांड साल भर बनी रहती है। कीमत में हां उतार चढ़ाव देखने को मिलता रहता है। लेकिन हर घर में हर दिन प्याज की मांग रहती है। जिससे किसानों को इसमें नुकसान नहीं होता है। इस प्याज का भंडारण किसान कर लेते हैं और अच्छी कीमत मिलने पर बिक्री कर देते हैं। तो चलिए आज जानते हैं प्याज की खेती कैसे करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान इसकी खेती से फायदा ले सके।
प्याज की खेती कैसे करें
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार प्याज की खेती के बारे में फटाफट जानकारी प्राप्त करें-
- प्याज की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है।
- प्याज की खेती किसान जनवरी, फरवरी, जून, जुलाई और अक्टूबर, नवंबर में भी कर सकते हैं।
- प्याज की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए बेहतरीन वैरायटी का चयन करें, बीजों की गुणवत्ता का ध्यान रखें।
- एक हेक्टेयर में प्याज की खेती कर रहे हैं तो करीब 4-5 किलो बीज की जरूरत पड़ती है।
- प्याज की खेती करने के लिए पहले नर्सरी तैयार करें, अगर आप नर्सरी तैयार नहीं करना चाहते हैं तो बाजार से भी प्याज के पौधे ले सकते हैं, इस समय आसानी से प्याज के पौधे मंडियों में मिलरहे हैं।
- नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो 8 से 10 सेंटीमीटर की दूरी में बीच की बुवाई करें।
- 43 से 45 दिन के बीच में नर्सरी तैयार हो जाएगी। इसके बाद पौधों की रोपाई कर सकते हैं।
- रोपाई करने से पहले खेत तैयार करें। जिसके लिए गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट खाद मिला सकते है।
- 8 से 10 दिन के अंतराल में सिंचाई करते रहे।
- पौधों का अच्छा विकास हो इसके लिए खरपतवार निकालते रहे और समय-समय पर निराई गुड़ाई करे।
- अच्छे से अगर फसल का ध्यान रखेंगे तो एक हेक्टेयर से 20 से 25 टन तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
- करीब 4 महीने में प्याज की फसल तैयार हो जाती है।
- जब पत्तिया पीली पड़ने लगे तो प्याज की खुदाई कर सकते हैं।
प्याज की किस्में
प्याज की खेती में किसानों को मुनाफा है। लेकिन उसके लिए उन्हें बढ़िया किस्म का चयन करना चाहिए। जिसकी कीमत भी अच्छी मिले। जिसमें कुछ जानकारों का कहना है कि पहाड़ों में अगर प्याज की खेती कर रहे हैं तो पालम, लोहित, अर्क कल्याण और अर्क कीर्तिमान जैसी किस्म का चयन करें। इससे बढ़िया पैदावार मिलेगी। इसके आलावा भीमा की लाइट रेड, सुपर, डार्क रेड, राज, रेड, किरण, शक्ति, श्वेता, शुभ्रा, और भीमा की ओमका भी बढ़िया है। साथ ही किसान अपने आसपास की मंडी में भी पता करें।