Neemuch Mandi Pyaj Ka Bhav : नमस्कार किसान भाइयों आज मैं आपको नीमच मंडी में आने वाले प्याज के भाव के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं तो किसान भाइयों आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े नीमच मंडी में आज के आवक के बारे में हम बात करेंगे साथ ही साथ बाजार के बारे में भी जानने वाले हैं तो आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े
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Neemuch Mandi Pyaj Ka Bhav
प्याज –
ऊपर में नया बढ़िया एक्स्ट्रा माल 3,750₹ बिका
नया आवक 15,000 बोरी
बाजार नई माल में 200 रूपये नरम
बढ़िया माल | 3200 | से | 3500 |
मीडियम माल | 2800 | से | 3200 |
गोल्डी माल | 2500 | से | 2800 |
नया गोल्टी कच्चा माल | 1800 | से | 2200 |
प्याज की खेती कैसे करे
प्याज की खेती एक लाभकारी कृषि कार्य है, जो भारत में बहुत ही लोकप्रिय है। प्याज की खेती में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, ताकि अच्छे उत्पादन और गुणवत्ता प्राप्त की जा सके। यहाँ हम प्याज की खेती करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे।
1. भूमि का चयन और तैयारी
प्याज की खेती के लिए चिकनी और उपजाऊ भूमि उपयुक्त होती है। भूमि का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। प्याज की अच्छी वृद्धि के लिए भूमि में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए। खेत की जुताई अच्छे से करें और उसकी सतह को समतल करें ताकि पानी की निकासी सही से हो सके।
2. बीज की गुणवत्ता
प्याज की खेती के लिए अच्छे बीज का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। बीज की गुणवत्ता उच्च होनी चाहिए, ताकि बीमारी से बचाव हो सके और अच्छी फसल मिल सके। प्याज के बीज को किसी प्रमाणित नर्सरी या विक्रेता से खरीदीं।
3. रोपण का समय
प्याज की खेती के लिए सही समय पर रोपण करना बहुत जरूरी है। सामान्यतः प्याज की बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच की जाती है। यह समय बहुत उपयुक्त होता है क्योंकि इस समय मौसम ठंडा होता है, जो प्याज की वृद्धि के लिए अनुकूल है।
4. रोपाई का तरीका
प्याज को बीजों से उगाने के लिए बीजों को खेत में 1-2 सेंटीमीटर की गहराई तक बोना चाहिए। यदि प्याज की खेती ट्रांसप्लांटेशन (मेडी प्लांटिंग) से की जा रही हो तो प्याज के छोटे पौधों को खेत में 15-20 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपित किया जाता है।
5. सिंचाई
प्याज की खेती के लिए सिंचाई बहुत महत्वपूर्ण है। इसे नियमित रूप से सिंचाई करनी चाहिए, खासकर रोपाई के बाद। मौसम के अनुसार पानी की मात्रा में कमी या बढ़ोतरी की जा सकती है। प्याज की अधिक पानी से सड़न हो सकती है, इसलिए खेत में जल निकासी का ध्यान रखना जरूरी है।
6. खाद और उर्वरक
प्याज की फसल के लिए रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता है। खेत में अच्छी गुणवत्ता की खाद डालें। खेत में खाद डालने से पहले मिट्टी का परीक्षण कराना अच्छा होता है, ताकि सही उर्वरकों का चुनाव किया जा सके।
7. खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार प्याज की फसल के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए खेत में नियमित रूप से खरपतवार निकालें। इसके अलावा, रासायनिक दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।
8. रोग और कीटों का नियंत्रण
प्याज की खेती में कई प्रकार के रोग और कीट हो सकते हैं, जैसे कि प्याज की मक्खी, फफूंदी आदि। इनसे बचाव के लिए उपयुक्त कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का उपयोग करें। बुवाई से पहले और बाद में उचित जैविक और रासायनिक उपचार करें।
9. फसल की कटाई
प्याज की फसल 3 से 4 महीने में तैयार हो जाती है। जब प्याज के पत्ते पीले पड़ने लगे और गिरने लगे, तो समझिए कि प्याज कटाई के लिए तैयार है। प्याज की कटाई करते समय ध्यान रखें कि वह टूटे नहीं और अच्छी तरह से निकाली जाए।
प्याज की खेती यदि सही तरीके से की जाए तो यह एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। इसके लिए मेहनत और सही तकनीकी जानकारी जरूरी होती है।