गैस सिलेंडर का खर्चा करना है आधा? तो इस गांव से सीखे कैसे सस्ते में पकाएं खाना

गैस सिलेंडर के खर्चे से परेशान है तो चलिए आपको बताते हैं कि इस खर्च को आधा कैसे कर सकते हैं। क्योंकि एक ऐसा गांव है जहां पर गैस सिलेंडर का खर्चा आधे से भी कम आता है-

गैस सिलेंडर का खर्चा होगा आधा

हर महीने गैस सिलेंडर का खर्चा रसोई का बजट बिगाड़े रहता है। इस महंगाई में घरेलू गैस सिलेंडर के खर्चे से राहत नहीं मिल रही है। हाल ही में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत तो कम हुई है लेकिन घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन आपके पास एक अच्छा जरिया है जिससे घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत को आधा कर सकते हैं। आपको बता दे कि पंजाब के होशियापुर गांव में लोग आधे खर्चे में खाना पका रहे हैं।

यानी की गैस सिलेंडर का खर्चा उनका आधे से भी कम हो रहा है। तो चलिए आपको बताते हैं किन घरों में ऐसा क्या हो रहा है। जिससे गैस सिलेंडर का खर्चा आधा हो रहा है।

40 से 45 घरों के लोगों को मिली राहत

पंजाब के होशियापुर गांव के करीब 40 से 45 घरों के लोग हर महीने गैस नहीं भरवाते हैं। बल्कि वह गोबर गैस का इस्तेमाल करते हैं। जी हां आपको बता दे कि गांव में एक बढ़िया गोबर गैस प्लांट लगा हुआ है। जिससे उनके घरों में पाइप के द्वारा गैस सप्लाई होती है और यह बेहद सस्ता पड़ता है।

गैस सिलेंडर जो हर महीने भराना पड़ता है उससे आधे से भी कम उनका बिल आता है। जी हां आपको बता दे कि उनके घरों में बकायदे बिल आता है और इस महंगाई में उन्हें बेहद राहत मिली है। तो चलिए आपको बताते हैं कि बिल कैसे आता है और वह लोग इतना सारा गोबर कहां से पाते हैं कि 40 से 45 घरों में गोबर गैस सप्लाई कर रहे हैं।

गोबर कहां से आता है

गोबर गैस प्लांट जिन्होंने लगाया हुआ है वह गांव से ही गोबर लेते हैं और उसका पैसा उन्हें देते हैं। यानी कि वह लोग गोबर खरीदते हैं। इससे जो लोग पशुपालन करते हैं उनकी भी कमाई हो जाती है। वह गोबर की बिक्री कर देते हैं। गोबर की बिक्री जो लोग करते हैं। वह भी इस प्लांट का लाभ उठा सकते हैं। अपने घर में गोबर गैस की पाइपलाइन ले सकते हैं। इससे उनका बिल और कम हो जाएगा।

कैसे आता है गोबर गैस का बिल

आपको बता दे कि जिन लोगों के घरों में गोबर गैस आती है उनके यहां मीटर लगाया गया है। जिससे पता चलता है कि उन्होंने कितनी गोबर गैस इस्तेमाल की है। जैसे कि बिजली बिल का मीटर लगता है। इस तरह गैस का भी मीटर लगा हुआ है और वह लोग अगर गोबर दे रहे हैं तो कितना गोबर दिया है और कितना गैस इस्तेमाल किया है उस हिसाब से बिल बनता है।

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