जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा योजना का लाभ
देश के भूमि धारक किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) चलाई जा रही है जिसके तहत पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi) का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना से जुड़े किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। लेकिन भूमिहीन किसानों को इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने भूमिहीन किसानों को हर साल 10,000 रुपए देने का ऐलान किया है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से नई योजना की शुरुआत की गई है जिसके तहत भूमिहीन किसानों को हर साल 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
किस योजना के तहत मिलेगी आर्थिक सहायता
राज्य के भूमिहीन किसानों को हर साल 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता देने के लिए प्रदेश सरकार ने नई योजना शुरू की है जिसका नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना (Pandit Deendayal Upaadhyaay Bhoomiheen Krshi Majdoor Kalyaan Yojana) है। इस योजना के तहत राज्य के पात्र भूमिहीन किसानों को हर साल 10,000 रुपए की राशि उनके खाते में दी जाएगी। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री ने इस योजना का शुभारंभ किया है।
राज्य में बड़ी आबादी खेतीबाड़ी (farming) के काम पर निर्भर है, लेकिन ऐसे लोग भी हैं जिनके पास खेती के लिए भूमि नहीं है और वे दूसरे के खेत में कृषि मजदूरी (Agricultural wages) करके अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे किसानों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूरों से वादा किया था जिसके तहत ऐसे कृषि मजदूरों को हर साल 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता देना भी शामिल था।
कितने किसानों को मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का लाभ राज्य के कुल 5 लाख 62 हजार 112 मजदूर किसानों को दिया जाएगा। इस योजना के तहत हम कृषि मजदूरों को 562 करोड़ 11 लाख 20 हजार रुपए प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना को शुरू करने के पीछे हमार उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की शुद्ध आय में बढ़ोतरी कर उन्हें आर्थिक रूप से संबल प्रदान करना है।
योजना तहत भूमिहीन किसान मजदूरों में किन्हें किया गया है शामिल
पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना (Pandit Deendayal Upadhyay Bhoomiheen Krishi Majdoor Kalyan Yojana) के तहत भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ वनोपज संग्राहक भूमिहीन परिवार, चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, धोबी, नाई आदि पौनी-पसारी व्यवस्था से संबद्ध भूमिहीन परिवार भी शामिल हैं। इसके अलावा अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी परिवारों को भी शामिल किया गया है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूमिहीन मजदूर हितग्राहियों को 10,000 रुपए की राशि का चेक वितरित किया।
किसानों को फरवरी में मिलेगा धान खरीद का बोनस
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर इस साल भी राज्य में धान की खेती (Paddy cultivation) करने वाले किसानों को धान की खरीद पर 800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस (Bonus) देने का निर्णय लिया है। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस निर्णय के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी (MSP) पर धान की फसल बेचने वाले प्रदेश के करीब 27 लाख किसानों को राज्य सरकार की ओर से घोषित दर के अनुसार 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। अभी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जा रही है।
शेष अंतर की राशि का भुगतान सरकार अगले फरवरी माह में किसानों को करेगी। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से 2025 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Paddy MSP for 2025) 2300 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। ऐसे में अंतर राशि 800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों को अलग से भुगतान किया जाएगा। यह राशि राज्य के किसानों के खाते में फरवरी महीने में ट्रांसफर की जाएगी। कैबिनेट की ओर से खरीफ विपणन वर्ष 2024–25 में उपार्जित धान में से अतिशेष धान की नीलामी को ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये निराकरण करने का निर्णय लिया गया है।