किसान भाई करें अब इस प्रजाति के धान की खेती, कम पानी में होगी बहुत बंपर पैदावार

Farmer brothers should now cultivate this variety of paddy, there will be bumper yield in less water.
Farmer brothers should now cultivate this variety of paddy, there will be bumper yield in less water.

किसान भाई के अगर पानी की कमी हो रही है तो वह व्यक्ति इस फसल की खेती करके अच्छी पैदावार कर सकता है लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो अधिक पसंद करते हैं जो कम पानी में विकसित होती है और कम समय में ज्यादा पैदावार से अधिक मुनाफा देती है वैसे तो दान की फसल के लिए पानी की खास जरूरत होती है लेकिन मानसून का मिजाज बिगड़ा है बारिश पर किस निर्भर नहीं रहना चाहते हैं

ऐसे में किसानों के लिए सांभा मंसूरी धान की खेती फायदेमंद साबित हो सकती है. क्योंकि सांभा मंसूरी धान दक्षिण भारत के प्रदेशों की उन्नत प्रजाति है. वहां पर किसान इसी की खेती करते हैं. ऐसे में प्रदेश में भी धान की फसल मानसून पर निर्भर न रहे, इसे लेकर सांभा मंसूरी धान की खेती किसान कर सकते हैं.

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इसमें पानी की खपत बहुत कम रहती है और इसका चावल खाने में स्वादिष्ट होता है. तो साथ ही कम दिन में फसल होने से किसान को अधिक लागत नहीं लगानी पड़ती है.

दरअसल भारत देश के कई राज्यों में सांभा मंसूरी की खेती की जाती है. इस किस्म में प्रति हेक्टेयर 6 से 7 टन की पैदावार देती है. किसान खरीफ सीजन में सांभा मंसूरी चावल की खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक इस किस्म की खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

क्योंकि मधुमेह के रोगियों को चावल खाने की मनाही होती है. लेकिन चावल की यह किस्म मधुमेह के रोगी भी खा सकते हैं. किसानों को सांभा मंसूरी चावल की उन्नत किस्म की ही खेती करनी चाहिए. क्योंकि इस खेती में कम पानी और कम लागत लगाकर अधिक पैदावार की जा सकती है.

कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया वैसे तो हमारे यहां कम पानी के लिए कई वैराइटीज हैं जैसे कि  सुस सम्राट सहभागी इसके अलावा सांम्भा मंसूरी है जो कम पानी में हो जाती है. यह बहुत अच्छी वैरायटी है और खाने में भी बेहतरीन है. यह लंबी अवधि की वैरायटी है 150 और 160 परसेंट की मैच्योरिटी लगती है और इसका उत्पादन 50 से 60 कुंतल तक मिल जाता है और इसका जो ग्लासेनिक इंडेक्स (जीआई) 55 फीसदी कम है. जिससे यह किस्म मधुमेह के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. साथ ही यह किस्म किसानों की आय बढाने में काफी मददगार साबित होगी.

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