Krishi Sinchai Yojna: नमस्कार किसान भाइयों राज्य सरकार द्वारा गरीब वर्ग के किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। बता दे, की माइक्रो इरिगेशन योजना के तहत किसानों को स्प्रिंकलर पोर्टेबल व ड्रिप इरीगेशन पर 80% तक की सब्सिडी दिया जाएगा। मतलब मात्र 20% रुपए खर्च करके किसान अपने खेत पर स्प्रिंकलर पोर्टेबल पर ड्रिप इरीगेशन लगवा सकते हैं।
यह ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरिगेशन योजना के तहत जिले के लगभग 171 एकड़ खेती होगी। इस योजना में अभी तक 156 एकड़ खेती के लिए आवेदन मिल चुके हैं। यदि आप भी बिहार राज्य के निवासी है, और माइक्रो इरीगेशन के तहत स्प्रिंकलर पोर्टेबल व ड्रिप इरीगेशन पर अनुदान यानी की सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक समझे इसकी संपूर्ण जानकारी हमने आपको नीचे लेख में दिए तो बने रहिए हमारी इस पोस्ट के साथ।Krishi Sinchai Yojna
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सरकार देगी किसानों को 80% तक की सब्सिडी
सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए ड्रॉप मोरफाॅप माइक्रो इरिगेशन योजना लागू की जा रही है। जिसमें उद्यान विभाग किसानों को स्प्रिकलर पोर्टेबल व ड्रिप इरीगेशन पर सब्सिडी देंगे। बता दे , कि इस वर्ष सरकार को जिले में 171 करोड़ एकड़ की खेती करने का लक्ष्य मिला है। जिसके लिए अभी तक 156 एकड़ खेती के लिए आवेदन कर चुके हैं। इस योजना के तहत फसल में लगने वाले पानी की खपत भी कम होगी और पौधे को पर्याप्त मात्रा में अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार किसानों को योजना के तहत जरूरत के हिसाब से पानी पहुंच जाएगी। इस योजना में किसान ऑन लगभग 80% की सब्सिडी प्राप्त होगी।
किसानों को मिलेगा सब्सिडी से फायदा
संयोजन के तहत सहायक निदेशक उद्यान अधिकारी नीरज कुमार झा ने बताया है कि इस स्कीम में आधुनिक तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है। माइक्रो इरिगेशन दो तरह से कार्य करता है। पहले ड्रिप यानी टपक विधि और दूसरा स्प्रिंकल यानी फव्वारा विधि। ड्रिप विधि के उपयोग के लिए किसानों को तैयार खेत में पहले पाइप बिछाना पड़ता है। इसके साथ ही पौधे पर पानी की बूंदे टपकती होती है। जबकि फसल के ऊपर से फव्वारा से पानी गिरता रहता है।
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खाद की होगी बचत और पैदावार में होगी बड़त
इस योजना के तहत खेतों में पाइप लगाकर पाइपों में जगह-जगह छेद किया जाता है। इन छेद के माध्यम से फसल के जड़ों में पानी पहुंचाया जाता है। इस विधि से पटवन करने पर 60 से 70% तक पानी की बचत होती है। किसान खाद और दवाई भी डाल सकते हैं। इससे पोषक तत्व की बरबादी कम होती है। जिससे खाद की भी बचत होती है।
इसके अलावा पैदावार में भी बड़त होती है। वही स्प्रिंकल विधि के तहत खेत के बीच में पाइप बिछाकर झरना लगा दिया जाता है। यह झरना खेत के चारों तरफ पानी का छिड़काव करता है। यानी जितनी पानी की जरूरत होती है। उतना पानी मिलता रहता है। ड्रिप सिंचाई विधि से केला सब्जी अमृत नींबू इत्यादि की खेती कर सकते हैं।
इस योजना से किसान उठा सकते है, ऐसे लाभ
यदि आप बिहार राज्य के मूल निवासी हैं तो, आप इस योजना में आवेदन कर सकते है।इस योजना के तहत बिहार उद्यान निर्दयशालय में जाकर किसी भी नजदीकी कृषि कार्यालय से जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।Krishi Sinchai Yojna