Dal Ki Kheti aur Bhav
भूमिका – Introduction
दालें (Pulses) भारतीय कृषि प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह न केवल हमारे आहार का मुख्य प्रोटीन स्रोत हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा दाल उपभोक्ता, उत्पादक और आयातक देश है।
2025 में स्वास्थ्य जागरूकता, शाकाहारी जीवनशैली और सरकारी योजनाओं के चलते दालों की मांग, उत्पादन और व्यापार में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
प्रमुख दालें और उनकी किस्में – Major Pulses and Their Varieties
फसल का नाम | प्रमुख किस्में | उपयुक्त क्षेत्र | औसत उपज (क्विंटल/एकड़) |
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चना (Gram) | JG 11, PUSA 256, RVG 202 | एमपी, राजस्थान, यूपी | 6–10 |
अरहर (Tur) | BSMR 736, PUSA 2001 | महाराष्ट्र, कर्नाटक | 5–8 |
मूंग (Moong) | SML 668, IPM 02-03 | राजस्थान, पंजाब | 4–6 |
उड़द (Urad) | TAU 1, LBG 20 | यूपी, एमपी, बिहार | 3–5 |
मसूर (Masoor) | PL 406, DPL 62 | यूपी, एमपी, छत्तीसगढ़ | 6–9 |
दाल की खेती कैसे करें – Dal Ki Kheti Kaise Kare
बुवाई का समय
फसल | खरीफ/रबी/जायद | बुवाई समय |
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चना | रबी | अक्तूबर–नवंबर |
अरहर | खरीफ | जून–जुलाई |
मूंग | जायद / खरीफ | मार्च–अप्रैल / जुलाई |
उड़द | खरीफ | जून–जुलाई |
मसूर | रबी | नवंबर |
मिट्टी और जलवायु
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मिट्टी: दोमट, जलनिकासी वाली
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pH स्तर: 6.0 – 7.5
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जलवायु: हल्की गर्मी और सूखी जलवायु
बीज दर (प्रति एकड़)
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चना: 35–40 किग्रा
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अरहर: 8–10 किग्रा
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मूंग: 8–10 किग्रा
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उड़द: 6–8 किग्रा
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मसूर: 25–30 किग्रा
उर्वरक व जैविक उपाय
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गोबर खाद: 5–8 टन/एकड़
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NPK: 20:40:0
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राइजोबियम और पीएसबी कल्चर का बीजोपचार आवश्यक
सिंचाई
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अधिकतर दालें वर्षा आधारित होती हैं
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जरूरत पड़ने पर 1–2 सिंचाई (फूल अवस्था और दाना भरने पर)
लागत, उत्पादन और मुनाफा – Pulses Cost, Yield & Profit (2025)
विवरण | अनुमानित राशि (₹/एकड़) |
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बीज, खाद, दवा | ₹4,000 – ₹6,000 |
सिंचाई व मजदूरी | ₹3,000 – ₹5,000 |
कुल लागत | ₹7,000 – ₹11,000 |
औसत उपज | 5–10 क्विंटल |
संभावित बिक्री मूल्य | ₹20,000 – ₹40,000 |
शुद्ध मुनाफा | ₹10,000 – ₹30,000 |
भारत में दालों का मंडी भाव (May–June 2025)
फसल | मंडी | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) |
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चना | इंदौर | ₹5400 | ₹6000 |
अरहर | लातूर | ₹6500 | ₹7200 |
मूंग | नागौर | ₹7200 | ₹8000 |
उड़द | कानपुर | ₹6200 | ₹6800 |
मसूर | कटनी | ₹5700 | ₹6300 |
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) – 2025
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चना: ₹5440 / क्विंटल
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अरहर: ₹7000 / क्विंटल
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मूंग: ₹8058 / क्विंटल
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उड़द: ₹6950 / क्विंटल
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मसूर: ₹6225 / क्विंटल
दाल व्यापार और निर्यात – Pulse Trade & Export
किसानों के लिए सुझाव
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MSP पर बिक्री के लिए e-NAM या सरकारी मंडियों में पंजीकरण करें।
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ग्रेडिंग व पैकिंग: बेहतर भाव के लिए।
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एफपीओ या सहकारी मंडल से जुड़ें।
व्यापारिक अवसर
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दाल मिलों से अनुबंध करें
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दाल से बने उत्पादों जैसे पापड़, बारी, बेसन आदि का निर्माण करें
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एक्सपोर्ट ग्रेड की दालें उगाएं
प्रमुख निर्यात देश
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बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मिस्र, ईरान, यूएई
दाल भंडारण – Dal Storage
मानक | विवरण |
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नमी | 10–12% |
तापमान | ठंडा, सूखा स्थान |
भंडारण विधि | बोरियों में, कीट नियंत्रण के साथ |
सुरक्षा उपाय | भंडारण से पहले फ्यूमिगेशन आवश्यक |
दाल से बनने वाले उत्पाद – Value-Added Products from Pulses
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बेसन
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दाल पापड़
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बारी / बड़ी
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प्रोटीन पाउडर
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इंस्टेंट मिक्सेस
उपयोगी पोर्टल और मोबाइल ऐप्स – Useful Portals & Apps
ऐप / पोर्टल | उद्देश्य |
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Kisan Suvidha | मौसम, मंडी भाव |
eNAM | मंडी से जुड़ाव |
PM Kisan Yojana | नकद सहायता |
Fasal Bima Yojana | बीमा योजना |
IFFCO Kisan | कृषि जानकारी |
निष्कर्ष – Conclusion
दालों की खेती 2025 में किसानों के लिए एक सशक्त और लाभकारी विकल्प बनकर उभरी है। उचित समय पर बुवाई, उन्नत किस्मों का चयन और मार्केटिंग रणनीति के साथ किसान दालों से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
जैविक खेती, भंडारण तकनीक और संपर्क कृषि (Contract Farming) से जुड़कर किसान अपनी आय में और भी बढ़ोतरी कर सकते हैं।