Lahsun Ki Kheti aur Bhav
लहसुन (Garlic) भारत की प्रमुख मसाला फसलों में से एक है, जो स्वाद और औषधीय गुणों के कारण अत्यंत लोकप्रिय है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
भारत लहसुन उत्पादन में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। 2025 में बढ़ती घरेलू मांग, प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और निर्यात के अवसरों के कारण लहसुन की खेती किसानों के लिए और भी लाभदायक बन चुकी है।
लहसुन की प्रमुख किस्में – Major Varieties of Garlic
किस्म का नाम | विशेषताएं | उपयुक्त क्षेत्र | औसत उपज (क्विंटल/एकड़) |
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G-282 | बड़े दाने, सफेद रंग | मध्य प्रदेश, राजस्थान | 30–35 |
Yamuna Safed | लंबा भंडारण, सफेद दाने | उत्तर भारत | 25–30 |
Agrifound White | निर्यात योग्य, हाई ब्रिक्स | उत्तर प्रदेश, बिहार | 20–25 |
Bhima Purple | बैंगनी छिलका, औषधीय गुण | महाराष्ट्र, कर्नाटक | 22–28 |
Gujarat Garlic-3 | अधिक उपज, तेज सुगंध | गुजरात | 28–32 |
लहसुन की खेती कैसे करें – Lahsun Ki Kheti Kaise Kare
बुवाई का समय
क्षेत्र | बुवाई का समय |
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उत्तर भारत | अक्तूबर – नवंबर |
मध्य भारत | सितंबर – नवंबर |
दक्षिण भारत | अगस्त – अक्टूबर |
मिट्टी और जलवायु
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मिट्टी: बलुई दोमट, जैविक पदार्थ से भरपूर
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pH: 6.0 – 7.5
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जलवायु: ठंडी और शुष्क, 12–20°C आदर्श
बीज दर और तैयारी
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बीज मात्रा: 40–50 किलो/एकड़
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कली चयन: स्वस्थ, बिना फफूंदी की कली
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बीज उपचार: ट्राइकोडर्मा या कार्बेन्डाजिम से उपचार
खाद एवं उर्वरक – Manure and Fertilizers
खाद / उर्वरक | मात्रा (प्रति एकड़) |
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गोबर खाद | 8–10 टन |
नाइट्रोजन (Urea) | 40–50 किग्रा |
फास्फोरस (DAP) | 25–30 किग्रा |
पोटाश | 20–25 किग्रा |
नोट: जैविक खेती में वर्मी कम्पोस्ट, नीम खली, पंचगव्य का प्रयोग करें।
सिंचाई प्रबंधन – Irrigation Management
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पहली सिंचाई: बुवाई के तुरंत बाद
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दूसरी–तीसरी: 10–15 दिन के अंतर पर
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कुल 8–10 सिंचाइयाँ आवश्यक
फसल कटाई, उत्पादन और भंडारण – Harvesting & Storage
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अवधि: 130–150 दिन
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संकेत: पत्तियाँ पीली होकर झुकने लगें
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औसत उपज:
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पारंपरिक खेती: 20–25 क्विंटल/एकड़
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उन्नत तकनीक: 30–35 क्विंटल/एकड़
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भंडारण:
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नमी: 10–12%
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स्थान: ठंडा, हवादार गोदाम
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विधि: जाल की बोरियों में लटकाकर
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कीट नियंत्रण: नीम धुआं, फ्यूमिगेशन
लागत, उत्पादन और मुनाफा – Lahsun Ki Kheti Me Munafa
विवरण | अनुमानित खर्च (₹/एकड़) |
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बीज लागत | ₹4,000 – ₹6,000 |
खाद व उर्वरक | ₹3,000 – ₹4,000 |
सिंचाई, मजदूरी | ₹5,000 – ₹6,000 |
कुल लागत | ₹12,000 – ₹16,000 |
औसत उपज | 25 क्विंटल (₹5,500/क्विंटल) |
कुल बिक्री मूल्य | ₹1,37,500 तक |
शुद्ध मुनाफा | ₹1,20,000 तक प्रति एकड़ |
2025 का मंडी भाव – Lahsun Mandi Bhav 2025
मंडी | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) |
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नीमच (MP) | ₹3,200 | ₹8,000 |
जयपुर (RJ) | ₹3,000 | ₹7,800 |
नासिक (MH) | ₹3,500 | ₹7,500 |
आजमगढ़ (UP) | ₹2,800 | ₹7,200 |
दिल्ली | ₹3,500 | ₹8,200 |
📌 औसत भाव: ₹5,500/क्विंटल
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2025: ₹6,000/क्विंटल (राज्य अनुसार)
निर्यात और व्यापार – Garlic Export and Business Scope
प्रमुख निर्यात देश
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UAE
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मलेशिया
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बांग्लादेश
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श्रीलंका
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वियतनाम
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इंडोनेशिया
व्यापारिक सुझाव
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ऑर्गेनिक लहसुन की खेती करें
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लहसुन पाउडर, पेस्ट, अचार प्रोसेसिंग यूनिट से जोड़ें
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FPOs, को-ऑपरेटिव्स से जुड़कर सामूहिक बिक्री करें
मूल्य वर्धित उत्पाद – Value-Added Products from Lahsun
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लहसुन पेस्ट
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लहसुन पाउडर
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लहसुन तेल
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लहसुन का अचार
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लहसुन कैप्सूल (औषधीय उपयोग)
उपयोगी पोर्टल और ऐप्स – Useful Portals and Apps
ऐप / पोर्टल | उद्देश्य |
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Kisan Suvidha | मौसम, मंडी भाव, विशेषज्ञ सुझाव |
eNAM | डिजिटल मंडी, MSP मूल्य |
PM Fasal Bima | बीमा योजना लाभ |
AgriApp | तकनीकी जानकारी और मार्केटिंग |
Krishi Network | विशेषज्ञ सलाह |
निष्कर्ष – Conclusion
लहसुन की खेती 2025 में पोषण, आय और निर्यात के दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। कम लागत में अधिक उपज, मजबूत बाजार और प्रोसेसिंग के अवसरों ने इसे मसाला फसलों का सरताज बना दिया है।